3 ग्राम गोंद से कमर दर्द, मधुमेह, गुप्त रोग और इसको सिर्फ चूसने से खांसी, पीने से बवासीर होती है सही.
बबूल का गोंद भी बहुत प्रचलित है और इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है, इसे कई नामों से जाना जाता है इसे बबूल गोंद, गोंद कीकर, अंग्रेज़ी में गम अकेशिया( Gum Acacia) कहा जाता है, इसे गम अराबिक भी कहते हैं जबकि नार्मल बोलचाल में सिर्फ़ गोंद कहा जाता है।बबूल की गोंद का प्रयोग करने से छाती मुलायम होती है। यह मेदा (आमाशय) को शक्तिशाली बनाता है तथा आंतों को भी मजबूत बनाता है। यह सीने के दर्द को समाप्त करता है, तथा गले की आवाज को साफ करता है। इसका प्रयोग फेफड़ों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इससे शरीर में धातु की पुष्टि होती है
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