Sunday, 15 October 2017

सिर्फ हस्त मुद्राओ द्वारा लगभग 100 रोगों का ईलाज संभव है वो भी आपके हाथो...

एक कहावत है हींग लगे ना फ़िटकरी अर्थात यदि बिना किसी औषिधि या दवाइयों के बिना हम स्वस्थ रहे और अगर हमे कोई रोग न हो तो क्या बुरा है। अगर आप भी चाहते हो तो  सिर्फ अपने हाथो की उंगलियो अर्थात हस्त मुद्राओं द्वारा यह सब संभव है अब आप खुद अचरज में पढ़ गए होंगे की यह कैसे हो सकता है? यकीन ना हो तो आजमा कर देख लीजिये लाभ अवश्य होगा लेकिन जैसा इस पोस्ट में बताया गया है ठीक वैसा ही योग करे।

हमारा शरीर अनन्त रहस्यों से भरा हुआ है। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने की शक्ति शरीर में निहित है। बस जरूरत है उसे जानकर अभ्यास करने की। शरीर पंचतत्वों-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से मिलकर बना है। जब तक शरीर में ये तत्व संतुलित रहते हैं, तब तक शरीर निरोगी रहता है। यदि इन तत्वों में असंतुलन हो जाए तो नानाप्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इन तत्वों को हम यदि पुन: संतुलित कर दें तो शरीर निरोगी हो जाता है।हस्तमुद्रा चिकित्सा के अनुसार हाथ की पांचों अंगुलियां पांचों तत्वों का प्रतिनिधित्व करती है और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के माध्यम से इन तत्वों को बल देती रहती है। अंगूठे में अग्नि तत्व, तर्जनी में वायु तत्व, मध्यमा में आकाश तत्व, अनामिका में पृथ्वी तत्व व कनिष्ठा में जल तत्व की ऊर्जा का केन्द्र है। इस प्रकार अंगुलियों को आपस में मिलाकर मुद्राओं को बनाया जाता है। हमारे ऋषियों ने इस रहस्य को साधना के द्वारा जाना और इसका प्रचार-प्रसार किया जिसके प्रतिदिन अभ्यास से व्यक्ति रोगमुक्त होकर स्वस्थ रह सके।

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