Saturday, 14 October 2017

खूनी और बादी बवासीर का जड़ से सफाया करने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार k...

बवासीर मुख्यत दो प्रकार की होती हैं। खुनी बवासीर और बादी बवासीर। खुनी बवासीर में मस्से सुर्ख होते हैं, और उनसे खून गिरता हैं, जबकि बादी बवासीर में मस्सो में खाज, पीड़ा और सूजन बहुत होती हैं। अतिसार, संग्रहणी और बवासीर-ये तीनो एक दूसरे को पैदा करते हैं। जो लोग बवासीर से बहुत परेशान हैं, वो शौच करने के बाद मलद्वार में ऊँगली डाल कर सफाई करे तो कभी बवासीर नहीं होगी। ये थोड़ा अटपटा लगता हैं, मगर ऐसा करने से आप तारो ताज़ा महसूस करेंगे, और आपको बवासीर की शिकायत नहीं होगी। इसके बाद आप सरसों का तेल भी ऊँगली की सहायता से अंदर लगाये, इसको गणेश किर्या भी कहा जाता हैं।

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