बबूल के पत्ते और छाल एवं बड़ की छाल सभी को बराबर मात्रा में मिलाकर 1 गिलास पानी में भिगो देते हैं। इस प्रकार तैयार हिम से कुल्ले करने से गले के रोग मिट जाते हैं। बबूल के रस में कली का चूना मिलाकर चने के बराबर गोली बनाकर चूसने से सर्दी के कारण बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है।
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