Friday, 30 September 2016

मधुमेह का काल है आम के पत्ते Just Boil These Leaves And Solve Your Probl...

मधुमेह का काल है आम के पत्ते – Suffering from Diabetes? Just Boil These Leaves And Solve Your Problem Without Medications!
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मधुमेह यानि डाइबिटीज Diabetes को कौन नहीं जानता. पेशाब के साथ चीनी जैसा मीठा पदार्थ निकलना मधुमेह कहलाता है | यह एक गंभीर बीमारी है जिसे धीमी मौत (साइलेंट किलर – Silent Killer ) भी कहा जाता है। संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती। यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है। For More Visit http://www.doctorfit.co.in
डाइबिटीज के मुख्य कारण : Causes of Diabetes
हमारे शरीर में पाए जानेवाले इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी से यह रोग हो जाता है। इंसुलिन का कार्य हमारे शरीर में शर्करा के प्रयोग को नियंत्रित करना है। जब हम शक्कर या शर्करा तथा स्टार्चयुक्त भोजन करते हैं तो हमारा पाचन संस्थान इन्हें विखंडित करके ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है, जो बड़ी सरलता से हमारे रक्त में मिलकर शरीर को ऊर्जा देने का कार्य करता है। इंसुलिन हार्मोन इसी ग्लूकोज को रक्तप्रवाह में सोखने के लिए शरीर की मदद करता है। इस प्रक्रिया के पश्चात भी यदि शुगर की मात्रा बच जाए तो वो ग्लाइकोजन के रूप में हमारे यकृत में जमा हो जाती है, जो बाद में वसा के रूप में बदल जाती है।
अग्नाशय जब इंसुलिन की उतनी मात्रा उत्पन्न नहीं कर पाता जितनी आवश्यकता रक्त से शर्करा के अवशोषण हेतु चाहिए, तब इस रोग की उत्पत्ति होती है। इसीलिए मधुमेह के अधिकतर रोगी मोटापे के भी शिकार होते हैं। मधुमेह आनुवंशिक रोग भी है तथा पीढ़ी-दर-पीढ़ी इसका संचार होता रहता है।
• शारीरिक ब्यायाम नहीं करना
• मोटापा
• जरूरत से अधिक भोजन करना
• खराब जीवन शैली
डाइबिटीज के मुख्य लक्षण : Symptems of Diabetes
मधुमेह दो प्रकार का होता है-इंसुलिन निर्भर मधुमेह व गैर इंसुलिन निर्भर मधुमेह। इंसुलिन निर्भर मधुमेह तब होता है जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पूर्णत: रुक जाता है। इस प्रकार का मधुमेह सामान्यतया किशोरावस्था से ही शुरू हो जाता है। यह रोग बड़ी तीव्र गति से पैदा होता व बढ़ता है। रोग लगने के कुछ ही दिनों में व्यक्ति स्वयं को बेहद कमजोर महसूस करने लगता है। उसके मूत्र की मात्रा में बढ़ोतरी हो जाती है व उसे प्यास बहुत लगने लगती है। रोगी का वजन तेजी से कम होता जाता है। मस्तिष्क पर उदासी छाने लगती है। यह स्थिति इस बात की परिचायक है कि अब रोगी का तुरंत इलाज करवाया जाना चाहिए अन्यथा उसकी हालत इतनी गंभीर हो सकती है कि वो अपने होशो-हवास ही खो बैठे तथा चेतनाहीन अवस्था में चला जाए।
गैर इंसुलिन निर्भर मधुमेह की तीव्रता कम होती है। चूंकि इस अवस्था में शरीर में इंसुलिन का निर्माण पूर्णतया बंद नहीं होता, सिर्फ कम ही होता है, इसलिए इस अवस्था की तीव्रता प्रथम श्रेणी के मधुमेह से कम आंकी जाती है। यह रोग सामान्यत: 35-40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को होता है, मोटापे के शिकार व्यक्तियों में यह रोग जल्दी ही घर कर लेता है। इस रोग में थकान, प्यास, मूत्राधिक्य जैसे शुरुआती लक्षणों को प्रकट होने में कुछ वक्त लगता है। थकावट, धुंधली दृष्टि तथा शरीर में सूइयां चुभने का अहसास इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। मधुमेह के रोगी का पेशाब शहद की भांति गाढ़ा, लिसलिसा, मीठा तथा पिंगलवर्ण का होता है। रोगी के शरीर से मीठी-मीठी सी गंध आती है। रोग जब बढ़ जाता है तो रोगी के शरीर में अनेक प्रकार की पुंसियां उत्पन्न हो जाती हैं
• बहुत ज्यादा भूख और प्यास लगना
• बार बार पेशाब जाना
• घाव नहीं भरना
• त्वचा का सूखना
उपचार
आंवलाः मधुमेह के रोगियों के लिए विटामिन ‘सी’ की प्रचुर मात्रा के कारण आंवला बेहद उपयोगी माना जाता है। यदि मधुमेह का रोगी आंवला व करेले का रस मिलाकर प्रतिदिन पीता रहे तो इससे उसके शरीर में इंसुलिन की तथा रक्त में शर्करा की भी पूर्ति होती रहती है। मधुमेह के रोगी आंवला, जामुन की गुठली तथा करेले का चूर्ण बनाकर नित्य एक चम्मच लें तो काफी लाभ होता है।
विशेषः कुछ लोग आंवले के रस में शहद मिलाकर पीने की सिफारिश करते हैं। कई वैद्य व प्राकृतिक चिकित्सक भी यह सलाह देते हैं, परंतु इस संबंध में हमने प्राचीन ग्रंथों की मदद ली तथा उस पर चिकित्सकों की राय जानी तो पाया कि आंवले के रस में शहद मिलाकर पीना सर्वथा हानिकारक है। हालांकि यह शोध का विषय है किन्तु पाठक इस बहस में पड़े बिना इस योग का सेवन न करें तो बेहतर होगा।
आमः मधुमेह यदि प्रारंभिक स्थिति में हो तो आम के कोमल पत्तों का रस अथवा प्रात:काल उनका काढ़ा बनाकर पीएं। इससे रोग आगे नहीं बढ़ेगा तथा गंभीर रूप धारण नहीं करेगा। आम के पत्तों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ दिन में दो बार लेने से निश्चित रूप से लाभ होता है। आम व जामुन का रस समान मात्रा में मिलाकर पीने से मधुमेह में काफी लाभ होता है। आम की गुठली का चूर्ण बनाकर तीन ग्राम की मात्रा में दिन में 3-4 बार पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शर्करा की मात्रा कम होती है व मधुमेह के रोगी की प्यास शांत होती है।
चकोतराः यदि चकोतरा काफी मात्रा में लिया जाए तो मधुमेह के पूर्णत: समाप्त होने की प्रबल संभावना रहती है। चकोतरे के सेवन से शरीर में स्टार्च की मिठास और वसा में कमी आती है जो मधुमेह के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है| मधुमेह के रोगियों को 2-3 चकोतरे नित्य खाने कि सलाह दी जाती है।
केलाः खूब पककर गलने पर काले पड़ गए केले एकत्र करके उनका छिलका उतारकर हाथों से मसलकर तरल लुआब जैसा बना लें। फिर उसमें आधा भाग चावल की भूसी मिलाकर 2-3 दिन गरम जगह पर रख दें। चौथे दिन किसी पात्र में सबको रखकर पात्र को टेढ़ा करके थोड़ी देर तक रखा रहने दें। केले का रस निथर कर अलग हो जाएगा। इसका नियमित सेवन करने से मधुमेह से छुटकारा पाया जा सकता है। अमरूदः अमरूदों को बारीक काटकर और कटे टुकड़ों को जल में डालकर कुछ देर तक रहने दें और उस जल को छानकर पीएं। इससे रोगी की तृषा दूर हो जाएगी।
पपीताः पपीता, कत्था, खैर तथा सुपारी के काढे का सेवन इस रोग से मुक्ति दिला देता है। यह चमत्कारी योग है।
गाजर : गाजर का रस 310 ग्राम तथा 185 ग्राम पालक का रस मिलाकर पीने से मधुमेह में काफी आराम मिलता है।
शलगमः नित्य शलगम की सब्जी खाने से काफी लाभ होता देखा गया है।
नीबूः मधुमेह के रोगी को प्यास अधिक लग रही हो तो पानी में नीबू निचोड़कर पिलाने से लाभ होता है।
बेल: बेल के साथ नीम के पत्ते चबाने से लाभ होता है। बेल के 20-25 पत्ते तोड़कर कुछ देर पानी में डाल दें, फिर पानी से निकालकर उन्हें चटनी की तरह बारीक पीस ले व पुन: पानी में मिलाकर पी जाएं सुबह-शाम यह उपचार करें, तुरंत लाभ होगा। रात को डोडा पनीर के पंद्रह दाने पानी में भिगोकर रख दें। सुबह बेलपत्र का रस मिलाकर काढ़ा बनाकर पीएं। कुछ समय तक नियमित प्रयोग से मधुमेह जड़ से नष्ट हो जाएगा।
आज हम मधुमेह के मरीजों के लिए एक आसान पर चमत्कारी घरेलू नुख्सा लेकर आये है | यह उपाए बेहद आसान है इसमें इस्तेमाल होने वाली औषधि विटामिन , मिनरल और कई और गुणों से भरपूर है जो आपको मधुमेह के साथ साथ कई और भी लाभ प्रदान करेगी | इस्तेमाल होने वाली औषधि का नाम है ‘आम के पत्ते ’ |
Mango Leaves Can Treat Diabetes
विधि / इस्तेमाल
• पहले आम की 10-15 कोमल पत्तियां लेकर उनेह पानी के साथ किसी बाउल – Bowl में डाल कर उबलने के लिए आग पर रखिये |
• जब वे उबल जाए तो इस मिश्रण को सारी रात के लिए ऐसे ही छोड़ दें |
• दूसरी सुबहे इस मिश्रण को पुन लीजिये |
रोजाना खाली पेट इस मिश्रण का सेवन करने से 2-3 महीनों के भीतर नतीजे आपके सामने आ जायेगे |
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