Wednesday, 27 July 2016

घी या तेल से नही पानी से जलता है इस मंदिर का दिया...!!

घी या तेल से नही पानी से जलता है इस मंदिर का दिया | Ghi ya Tel Nhi Pani se Jalta hai Yha Diya

आपने आस्था से संबंधित बहुत चमत्कारों के बारें में तो सुना होगा। जिसके कारण आपकी श्रृद्धा भगवान के लिए और बढ़ जाती है। हर देवी-देवता का मंदिर कुछ न कुछ चमत्कारों से भरा हुआ है। आमतौर में आपने सुना होगा कि मन्दिर में घी या फिर तेल के दीपक जलाने से भगवान् जल्द प्रसन्न होते है। लेकिन आप जानते है कि ऐसा एक मंदिर है जहां पर घी, तेल के दीपक नहीं बल्कि पानी से भगवान के सामने जोत जलाई जाती है। For More Visit https://www.healthsolution.co.in

पानी आग को बुझा देती है फिर उससे आग कैसे जल सकती है। आपको बता दे कि यह सौ प्रतिशत सही है। इस मंदिर में आपको घी, तेल की जरुरत नहीं पड़ती है। यह आज से ही नहीं बल्कि पिछले 5 सालों से चल रहा है।

चमत्कारों से पूर्ण यह मंदिर गड़ियाघाट वाली माता जी जोकि नलखेड़ा से 15 किमी दूर गांव गाड़िया के नजदीक कालीसिंध नदीं के किनारे स्थित है। इसमें सिर्फ पानी का ही दीपक जलता है। जो कि चमत्कार से कम नहीं है। यह दीपक निरंतर जलता रहता है। इस दीपक में पानी डालने से तरल चिपचिपा हो जाता है। जिससे की दीपक लगातार जलता रहता है।

मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी सिद्धूसिंह जी ने बताया कि इस मंदिर पर पहले तेल का दीपक जला करता था। परंतु आज से पांच साल पहले उन्हें माता ने सपने में दर्शन दीए और कहा कि तु सिद्धूसिंह का कहना है कि बचपन से ही मंदिर में तेल का दीया लगाते थे, लेकिन पांच साल पहले उनके सपने में माता रानी ने दर्शन दिए। इसके बाद से ही मैंने पानी से दीपक को जलाना शुरू कर दिया। तभी से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। सोंधिया के मुताबिक यह परंपरा पांच सालों से चली आ रही है। बारिश वाले को दिन छोड़कर सभी दिनों में पानी से ही दीपक जलाया जाता है।

दीये में डाला जाता है कालीसिंध नदी का पानी

इस देवी मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस मंदिर में जो महाजोत जल रहा है, उसे जलाने के लिए किसी घी, तेल, मोम या किसी फिर अन्य ईंधन की जरुरत नहीं पड़ती है,बल्कि यह आग के दुश्मन पानी से जलती है।

पुजारी का दावा है कि दीये में कालीसिंध नदी का पानी डाला जाता है। जब दीये में यह पानी डाला जाता है, तो वह चिपचिपा तरल हो जाता है, जिससे दीपक लगातार जलता रहता है। यह वाकई ही बहुत अजीब है।

इस मंदिर का यह दीपक सिर्फ बरसात के मौसम में नहीं जलता क्योंकि कालीसिंध नहीं में जल का स्तर में उभार आ जाने के कारण ये मंदिर पानी में डूब जाता है। जिसके कारण दीपक बंद हो जाता है। इसके बाद इस ज्योत को पुन: शारदीय नवरात्र के पहले दिन जला दी जाती है, जो कि अगली बारिश तक जलता रहता है। #amazing facts,#vastu,#astrology,#vastu tips for wealth,#amazing knowledge about history,

Video Link :- https://youtu.be/DQ4YsYg5Z7A

Channel Link :- https://www.youtube.com/channel/UC2M2icYICRFqUV5HuY9dOqQ

No comments:

Post a Comment