बवासीर के लिए अति विशेष प्रयोग गुड हरड़ और गौ मूत्र
अर्श अर्थात बवासीर आज आधुनिक जीवन शैली का एक नासूर रोग बन गया है. अंग्रेजी दवाओं से इस पर असर नहीं होता और ऑपरेशन करवाने के बाद भी यह दोबारा हो जाती है. ऐसे में क्या किया जाए. ऐसे में सिर्फ अपना खान-पान सुधार कर ही इसको सही किया जा सकता है खान-पान में विशेष अधिक तीखा मिर्च मसाले वाला मैदा या मैदे से बने पदार्थ जैसे फ़ास्ट फ़ूड तले हुए पदार्थ न खाये और अधिक मात्रा में पानी पिए सुबह उठकर सेर पर जरूर जाये योगासन प्राणायाम जरूर करें अपने भोजन में फाइबर को ज्यादा स्थान देबवासीर में गौ मूत्र में भिगोई हुई हरड़ बहुत ही लाभदायक है इसके थोड़े दिन के सेवन से ही बवासीर जैसा रोग सही हो जाता है बार-बार होने वाली बवासीर भी सही हो जाती है और बवासीर की मूल जड़ कब्ज पर भी इसका विशेष असर है For More visit https://www.healthtreatment.in
आइये जाने प्रयोग की विधि
गौ मूत्र में हर्रे लघु , दो तोला पिसवाएं ,
गुड संग प्रांत खाइये , बवासीर मीट जाएँ ,
उपरोक्त कहावत में स्पस्ट रूप से बताया गया है की छोटी हरड़ दो तोला (25 ग्राम ) देसी गाय के गौ मूत्र में दो दिन तक भीगी रहने दे इसके लिए आप किसी मिटटी के बर्तन में या कांच के गिलास में गौ मूत्र लीजिए और इसमें छोटी हरड़ भिगो कर रख दीजिये इसको जंग हरड़ भी कहते है इसको दो दिन भीगने के बाद आप इसको दो तीन दिन छाया में सुखाकर रख लीजिए सूखने के बाद इसको कूट पीसकर इसका चूर्ण बना लीजिए अब आपकी दवा तैयार है
गौ मूत्र में भिगोई हरड़ खाने की विधि :-
इस चूर्ण को सुबह खाली पेट व् रात को सोते समय आधा चम्मच गुड के साथ सेवन करें और 15 मिनिट बाद ऊपर से गुनगुना पानी पिए कुछ ही दिनों में आपको बवासीर से आराम मिल जायेगा
Video Link :- https://youtu.be/MwKYW_nBVT0
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